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निर्मला सीतामरण पत्रकारों के सामने कर्नाटक के मंत्री पर भड़कीं, जवाब मिला- बात का बतंगड़ बनाया

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निर्मला सीतामरण पत्रकारों के सामने कर्नाटक के मंत्री पर भड़कीं, जवाब मिला- बात का बतंगड़ बनाया

वहां मौजूद लोगों ने बताया कि समय की कमी के चलते महेश ने सीतारमण से जल्‍द से जल्‍द प्रेस कांफ्रेंस को खत्‍म करने को कहा. ...अधिक पढ़ें

    कर्नाटक के बाढ़ग्रस्‍त जिले कोडागु में राहत कार्यों का जायजा लेने के बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कांफ्रेंस में अपना आपा खो बैठी. उनका गुस्‍सा प्रभारी मंत्री सा रा महेश पर उतरा. सीतारमण कर्नाटक से राज्‍य सभा सांसद हैं और शुक्रवार को वह राहत कार्यों का जायजा लेने गई थीं. दोपहर के 12 बजे के करीब वह महेश के साथ प्रेस कांफ्रेंस के लिए आईं. कुर्सी पर बैठते ही उन्‍होंने महेश को गुस्‍से में कुछ कहा. इस दौरान वहां मौजूद पत्रकार यह सब देख रहे थे.

    वहां मौजूद लोगों ने बताया कि समय की कमी के चलते महेश ने सीतारमण से जल्‍द से जल्‍द प्रेस कांफ्रेंस को खत्‍म करने को कहा. इससे रक्षा मंत्री भड़क गईं और उन्‍होंने कहा कि वह जिला प्रशासन की ओर से बनाए गए कार्यक्रम का पालन कर रही हैं और समय की कमी उनकी गलती नहीं है. महेश की ओर देखते हुए उन्‍होंने कहा, 'मैं केंद्रीय मंत्री हूं. हैरानी की बात है कि मैं आपके निर्देश मान रही हूं.' इसके बाद उन्‍होंने कोडागु के डिप्‍टी कमिश्‍नर श्री विद्या से पूछा कि क्‍या कार्यक्रम सही से चल रहा है. उन्‍होंने महेश और श्री विद्या से आपसी मतभेद भुलाने और शर्मिंदा न करने को कहा.

    जब मीडियाकर्मियों ने रक्षामंत्री से कैमरे के सामने जोर से बोलने को कहा तो जवाब मिला, 'माइक चालू हैं. सब कुछ रिकॉर्ड हो सकता है. आप जितना चाहे रिकॉर्ड कर सकते हैं.' इस दौरान महेश चुप रहे और सीतारमण ने मीडिया को संबोधित किया. उन्‍होंने कोडागु की मदद का वादा किया. उन्‍होंने रक्षा मंत्रालय की ओर से सात व अपने सांसद कोष से एक करोड़ रुपये की शुरुआती राहत का ऐलान भी किया.

    उनके जाने के बाद महेश ने हंगामा करने पर सीतारमण को निशाने पर लिया. न्‍यूज18 को उन्‍होंने बताया, 'जो लोग राज्‍य सभा में चुने जाते हैं उनका असली स्‍वभाव यही है. वे आम आदमी की समस्‍या के बारे में कुछ नहीं जानते. वे गरीबी के बारे में नहीं समझते.'

    उन्‍होंने कहा कि रक्षा मंत्री के नाते निर्मला सीतारमण को जनता और सेना के अफसरों के सानमे मर्यादा और गरिमा रखनी चाहिए थी. बकौल महेश, 'उन्‍हें ऐसे बात करने की जरुरत नहीं थी. उन्‍होंने मामूली बात का बतंगड़ बना दिया. आखिरकार वह एक बिना चुनी हुई सांसद हैं. उन्‍हें कर्नाटक बीजेपी ने राज्‍य सभा के नामांकित किया और वह मुझ पर गुस्‍सा कर रही हैं.'

    Tags: Karnataka, Nirmala