बदहाली का रोना रो रहा आयुर्वेदिक विभाग

FOLLOW US
TEXT SIZE
SmallMediumLarge
SHARE
होम / न्यूज / छत्तीसगढ़ / बदहाली का रोना रो रहा आयुर्वेदिक विभाग

बदहाली का रोना रो रहा आयुर्वेदिक विभाग

Ayurvedic Hospital of Mahasamund

Ayurvedic Hospital of Mahasamund

आयुर्वेद अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी,लोगों को नहीं मिल पा रहा बेहतर उपचार

    सरकार लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के तमाम दावे करती है, लेकिन असुविधाओं और बदहाली के चलते ये तमाम दावे धरातल से नदारद नजर आती है. ताजा मामला महासमुंद जिले से सामने आया है. महासमुंद जिले का आयुर्वेद विभाग अपनी बदहाली का रोना रो रहा है.

    आयुर्वेद अस्पतालों में चिकित्सकों और स्टॉपों की कमी के चलते यहां का काम वार्ड बॉय और सेवक संभाल रहे है. लिहाजा लोगों को बेहतर उपचार नहीं मिल पा रहा है.

    आपको बता दें कि महासमुंद जिले में आयुर्वेद पद्धति से इलाज के लिए शासन ने 31 आयुर्वेद औषद्यालय खोले है. इसमे आयुष विंग, पॉलीबिनी, स्पेश्लिटी क्लीनिक, 2 फिजियोथेरपी सेंटर शामिल है.

    इन अस्पतालों को सुचारू रूप से चलाने के लिए चिकितस्कों, विशेषज्ञों, वार्ड बॉय सहित 141 अलग-अलग पदों की स्वीकृति की गई है, लेकिन वर्तमान में विभाग में 61 पद खाली है.

    लिहाज अस्पतालों का संचालन सही तरीके से नहीं हो पा रहा. चिकित्सकों और विशेषज्ञों के अभाव में लोगों को अस्पतालों में बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है. लोग दरदर भटकने को मजबूर है.

    मरीजों को कहना है कि अस्पतालों में जो इलाज मिलना चाहिए वो उनको नहीं मिल पा रहा है. अस्पताल में इलाज भगवान भरोसे किया जा रहा है.

    इधर विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारी से बचते नजर आए. जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. तरसेम बजाज का कहना है कि अस्पतालों में भर्ती प्रक्रिया शासन के स्तर पर होती है. स्टाफ की कमी तो है. कमी पूरी होने पर लोगों को और बेहतर इलाज मिलेगा.

    Tags: Chhattisgarh news

    फोटो
    टॉप स्टोरीज
    अधिक पढ़ें