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#HumanStory: 'IIT से इंजीनियरिंग के बाद वेडिंग फोटोग्राफर बनने का फैसला आसान नहीं था'
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#HumanStory: 'IIT से इंजीनियरिंग के बाद वेडिंग फोटोग्राफर बनने का फैसला आसान नहीं था'

अमृत वत्स
अमृत वत्स

आईआईटी से पढ़ने के बाद आप क्या करना चाहेंगे! इंजीनियरिंग या बैंकिंग की मोटी तनख्वाह वाली कोई नौकरी. क्या कभी शादी की तस ...अधिक पढ़ें

    कितने लोग हैं जो देश के सबसे बड़े इंस्टीट्यूट से डिग्री लेने के बाद अपने करियर को एकदम अलग मोड़ देने की सोच भी सकें! अमृत वत्स ने ये खतरा लिया और आज देश के कुछ सबसे ख्यात वेडिंग फोटोग्राफी आर्टिस्ट में उनका नाम शुमार होता है.

    इस तरह हुई शुरुआत
    आईआईटी, मद्रास से सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री के बाद अमृत अपनी डिग्री के मुताबिक बतौर कंसल्टेंट काम करने लगे. हालांकि उन्हें प्रमोशन पर प्रमोशन मिल रहे थे लेकिन भीतर कुछ था जो लगातार बेचैन करता था. अमृत याद करते हैं, काम पूरी लगन से करता था क्योंकि आदत थी लेकिन शुरुआत से ही जानता था कि लंबे वक्त तक ये नहीं चल सकेगा. मैं अपने काम में बढ़िया था. लगातार प्रमोशन पा रहा था, फिर भी उसमें अपना भविष्य नहीं देखता था.

    अमृत अपने काम को ज्यादा लोगों तक पहुंचाना चाहते थे. वे नहीं चाहते थे कि उनकी कोशिशें एक छोटे से समूह तक सीमित होकर रह जाएं. उन्होंने पार्ट-टाइम काम तलाशना शुरू किया ताकि सोचने का वक्त मिले कि वे आखिर चाहते क्या हैं. पढ़ाई के वक्त से ही अमृत थिएटर और पेंटिंग, डिजिटल ड्रॉइंग जैसी चीजों से जुड़े हुए थे. कॉलेज के चौथे और पांचवे साल में उन्होंने विजुअल टीम को भी लीड किया था. करियर में बदलाव की उधेड़बुन में यही बातें सोचते हुए ख्याल आया, फोटोग्राफी क्यों नहीं!

    शादीग्राफर का सफरनामा
    मैं लोगों से घुलने-मिलने पर यकीन रखता हूं. वेडिंग फोटोग्राफी मुझे ये मौका दे सकती थी. इसमें प्रैक्टिकल पहलू पर भी खूब सोचा और तभी ये फैसला किया. शुरुआती असाइनमेंट जान-पहचान वालों से मिले. काम चल निकला और 3 महीनों के भीतर ही शादीग्राफर कंपनी शुरू हो गई. मैं कैंडिड तस्वीरों के लिए पहचाना जाने लगा. वेडिंग फोटोग्राफी के दौरान ही मुझे मेरे भीतर के असल कलाकार को पहचानने का मौका मिला. हालांकि शादी की तस्वीरें लेने को सिर्फ और सिर्फ कला की तरह लेना प्रैक्टिकल नहीं. लोग एक हद तक ही प्रयोगधर्मी हो सकते हैं इसलिए मैं ख्याल रखता हूं कि इसमें अपनी कला के साथ वो सब भी शामिल करूं जो उन्हें चाहिए.

    इस तरह आया एक नया पड़ाव
    अमृत अब अपनी 3-मिनट-वीडियो के लिए भी ज्यादा जाने लगे हैं. इसमें तीन मिनटों में वे एक पूरी कहानी कहते हैं. ये कहानी किसी अफ्रीकी देश के उस गरीब तबके की हो सकती है जो सोलर एनर्जी का अलग तरह से इस्तेमाल करता है. ये कहानी किसी नेत्रहीन क्रिकेटर की हो सकती है या फिर किसी स्कूल की.
    वेडिंग फोटोग्राफी आर्टिस्ट से डॉक्युमेंटरी फिल्म बनाने तक का सफर काफी दिलचस्प रहा. कुछ सालों में अमृत ने 30 से भी ज्यादा शॉर्ट फिल्में बनाईं.

    वे याद करते हैं, 3-मिनट का एक वीडियो बनाने में लगभग 10 दिन लग जाते हैं. ये किसी शादी की 500 तस्वीरें खींचने जितना है. एक-एक वीडियो पर कई दिन सोचता हूं. तस्वीरें देखता हूं. आवाजें सुनता हूं. पहले से तय कोई फ्रेम एकदम से बदल जाता है. सबकुछ नए सिरे से करता हूं जबतक कि खुद को तसल्ली न हो जाए.

    शादी की फोटोग्राफी से डॉक्युमेंटरी तक
    लोगों से बात करते हुए हमेशा महसूस हुआ कि हरेक के पास एक अनोखी कहानी है सुनाने को. मैंने तय किया कि ऐसी ही कुछ कहानियां मैं लोगों तक पहुंचाऊंगा. इसके साथ ही चुनौतियों भी थीं. हर कहानी खूबसूरत हो सकती है लेकिन उसके उन्हीं हिस्सों को लोगों तक ले जाना था, जिससे वे जुड़ सकें. मैं बात करने के बाद 3-4 दिनों तक उनकी रिकॉर्डिंग सुनता. स्टोरी टेलिंग को समझने के लिए किताबें पढ़ीं. ऑनलाइन वीडियो देखे. यूट्यूब की मदद ली ताकि तकनीकी बारीकियां सीख सकूं.

    एक अच्छे फोटोग्राफर की क्या खूबियां होती हैं!
    उसे अच्छी तस्वीरें लेना आना चाहिए, अमृत तपाक से कहते हैं. भारत में फोटोग्राफी को लंबा सफर तय करना है. किसी खंडहर या स्मारक के सामने खड़े होकर तस्वीरें खिंचवाना फोटोग्राफी नहीं, वो महज अपनी यात्रा को डॉक्युमेंट करना है. अगर आपके भीतर किसी व्यक्ति, जगह, वक्त के भीतर कोई दिलचस्प कोना देख सकने की कूवत है तो आपमें वो सबकुछ है जो किसी को एक अच्छा फोटोग्राफर बनाता है.

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    Tags: Human Stories