होटल अग्निकांड की जांच में जुटी फॉरेंसिक टीम, सभी कमरों की ली गई तलाशी, इन वजहों से आग हुई बेकाबू
चार सदस्यीय फॉरेंसिक का नेतृत्व कर रहे एडिशनल डायरेक्टर एसएन ओझा ने लोकल 18 को बताया कि घर आग और धुवें की वजह से पहले द ...अधिक पढ़ें
- News18 Bihar
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पटना. गुरुवार की सुबह पटना जंक्शन के सामने स्थित पाल होटल में करीब 10:30 बजे भीषण आग लग गयी. तेज हवा और बेकाबू आग ने चार तल के पूरे होटल को चपेट में ले लिया. आग इतनी भीषण थी कि बगल की बिल्डिंग में चल रहे पंजाबी नवाबी रेस्टोरेंट, उसके ऊपर बैटरी की दुकान और फिर उसके ऊपर चार फ्लोर के अमृत लॉज को भी चपेट में ले लिया.
आग तीसरी बिल्डिंग में चल रही बलवीर साइकिल दुकान में भी फैल गयी, जिसके दूसरे तल पर बने गोदाम में रखे 8 से 9 लाख रुपये की साइकिल जलकर राख हो गया. मौके पर पहुंची दमकल और NDRF की टीम ने साढ़े तीन घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया तब जाकर आग स्थिति पर काबू पाया गया. इसके बाद आग लगने के कारणों का पता लगाने फॉरेंसिक की टीम दोनों होटलों में घुसी. पहले दिन तो कमरों में जाना मुश्किल था, लेकिन दूसरे दिन फॉरेंसिक की टीम ने एक एक कमरे की तलाशी ली.
किताब से लेकर खाना तक सब है बिखरा
चार सदस्यीय फॉरेंसिक का नेतृत्व कर रहे एडिशनल डायरेक्टर एसएन ओझा ने लोकल 18 को बताया कि आग और धुआं की वजह से पहले दिन होटल के अंदर जाकर तहकीकात करना मुश्किल था, लेकिन शुक्रवार को सुबह से हमारी टीम ने दोनों होटलों के एक-एक कमरे की जांच की है. कई नमूने लिए गए, जिसे लैब में जांच किया जायेगा. जांच के बाद फाइनल रिपोर्ट साझा की जायेगी. फिलहाल जो सिलेंडर फटे हैं उसके उपरी हिस्सों की तलाश की जा रही है. आपको बता दें कि कमरों में किताबें, टेबल पर खाना और कपड़े बिखरे हुए मिले. एक जली हुई बिल्ली भी मिली. फॉरेंसिक टीम ने आज पाल होटल और अमृत लॉज के हर कमरों की तलाशी ले रही थी.
इस वजह से आग हुआ बेकाबू
इस घटना की पहली सबसे बड़ी वजह होटल के मात्र तीन फुट का एंट्री गेट और इसी के पास ही किचन का होना रही. होटल की एंट्री गेट के साथ-साथ पीछे दो जगहों पर किचन है. आग होटल के किचन में रखी सिलेंडर में लगी. देखते-देखते पूरी बिल्डिंग में आग फैल गईं. लोगों को बाहर निकलने तक का मौका नहीं मिला, क्योंकि बाहर जाने का रास्ता ब्लॉक हो चुका था. फॉरेंसिक टीम एंट्री गेट और किचन के गेट की माप भी ले रही थी.
मालिक पर केस हुआ दर्ज
इस अग्निकांड के बाद होटल पाल और होटल अमृत के मालिक के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. दोनों होटल के मालिकों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा है. होटल मालिकों के अलावा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है. इस केस का IO (इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर) इंस्पेक्टर शकील अहमद को बनाया गया है. फॉरेंसिक की टीम के साथ इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर भी घटनास्थल पर तफ्तीश कर रहे थे.
इन मानकों को नहीं किया जा रहा था फालो
होटल में कई गैस सिलेंडरों को स्टोर किया गया था, जबकि यह नियम के खिलाफ है. घटना के वक्त करीब 14 गैस सिलेंडर होटल में थे. आग लगने के साथ कुछ सिलेंडर बम की तरह ब्लास्ट होने लगे. इस ब्लास्ट की वजह से एंट्री गेट पूरी तरह से जल उठा और लोगों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला.
आवासीय होटल खोलने के लिए बड़ी जगह की जरूरत होती है, लेकिन पाल होटल में ऐसा नहीं है. ग्राउंड फ्लोर पर ही किचन है, यहीं पर खाने की भी व्यवस्था है. होटल की अपनी पार्किंग भी नहीं है. लोग बाहर ही अपनी गाड़ियों को पार्क करते हैं.
पाल होटल और बगल की बिल्डिंग की एंट्री गेट पर बनी सीढ़ी मानकों के अनुरूप नहीं थी. कम जगह के कारण जैसे तैसे सीढ़ी बनायी गयी है. इस सीढ़ी से एक साथ एक ही व्यक्ति उतर या चढ़ सकता है. सीढ़ी के बगल में ही एसी भी लगा हुआ था. यही वजह रही कि आग लगने के बाद मची भगदड़ के कारण कई लोग सीढी से उतर नहीं पाये.
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